अमरनाथ दर्शनार्थियों पर ये हमला सिर्फ़ इंसानियत पर हमला ही नहीं अपितु ये जबरदस्त चुनौती है हमारी सुरक्षा व्यवस्था पर। कैसे मान सकते है इतनी सुरक्षा के बिच इतना बड़ा आतकवादी हमला हो जाता है? साल के इस बहुप्रतीक्षित यात्रा पर लाखों खर्च किये जाते है सुरक्षा व्यवस्था पर। सब जानते है यात्रा कितना संवेदनशील है, सारा मिडिया तंत्र इसमें लगा हुआ होता है। सुरक्षा में इतनी बड़ी खामी हमारी इंटेलिजेंस का पूरा फेलियर है। जिम्मेदारी बनती उन पर और लेनी भी होगी जिम्मेदारी उनको। ये आम तीर्थ यात्री के भरोसे की सवाल है।
मुझे जम्मू -कश्मीर के बारे में उतनी ही जानकारी है जितना मैंने टीवी,अख़बार ,पत्र -पत्रिकाओं में देखा और पढ़ा है , पर एक बात दावे के साथ कह सकता हूँ इतना बड़ा हमला बिना विभीषण के सम्भव नहीं है। सरकार को उन आतंकियों की पहचान कर कड़ी से कड़ी कार्यवाही करनी चाहिए। सरकार केवल निंदा और बयानबाज़ी करके नहीं बच सकती चाहे वो राज्य सरकार या फिर केंद्र सरकार।
ज़रा सोचो उन लोगों के बारे जो इस हमले का शिकार हुए है , वो बाबा बर्फ़ानी के दर्शन के लिए ही तो गए थे। उन्हें क्या पता हमारे ही बिच कुछ ऐसे है जो इंसानियत के दुश्मन है।
दुःखद है।
बाबा बर्फ़ानी दिवंगत आत्मा को शांति दें।
आपका,
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