"मेरा देश बदल रहा है "

मित्रो धैर्य रखे , जितना हम सोच रहे है उससे कही ज्यादा  बहुत बडा निर्यण है.
"मेरा देश बदल रहा है "  हम इस बदलाव के भागी बने ,इस दिशा मे काम करे.

विरोधी हमेशा रहे है , और आज भी है .इससे चिंतित होने के जरुरत नही है . यदि आज हम प्रधानमंत्री जी का साथ नही देते है ,तो हम अगली जेनरेशन हमे माफ़ नही करेगी .
इसी सकारात्मक सोच के साथ हमारा भविश्य उज्ज्वल होगा. साथ बनाये रखे.

एक व्यक्ति 350 सांसदों को
लेकर आपके सामने आँशु बहाकर समर्थन माँग रहा और किस बात के लिये कालाधन खत्म करने के लिये ??
विश्व की तमाम राजधानी मे जाकर भारतवंशियों से सहायता माँग रहा??
20 घँटे काम कर रहा , होली , दीपावली , ईद सैनिकों के बीच मना रहा हैं ,
3 सालो से हर रविवार आपकी छोटी - छोटी बातो पर बात कर रहा हैं".
जिसकी माँ 8×10 कमरे और भाई किराना की दुकान चलता हो ,
क्या चाहते हैं आप??
किस पैगम्बर की तलाश है??

एक बात जान लीजिये यदि मोदी आंतकवाद ,
काला धन , भरष्टाचार नही खत्म कर पाये तो
कोई  माई का लाल कर भी नही पायेगा , वहीँ जंतर मन्तर पर कैंडिल लेके चक्कर काटोगे ,,



प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जैसे जीवट वाले व्यक्ति ने जिस अंदाज़ में सार्वजनिक मंच से कहा है....*
कि "*ये लोग मुझे ज़िंदा नहीं छोड़ेंगे..."*
इससे यह स्पष्ट हो गया है कि स्थिति बहुत भयंकर और असहनीय रूप ले चुकी है..

एक अकेला व्यक्ति 125 करोड़ हिंदुस्तानियों के हिस्से का ज़हर "नीलकण्ठ" महादेव बनकर पी रहा है...
.
एक अकेला व्यक्ति देश के अंदर मौजूद सारे राक्षसों के साथ-साथ अनगिनत विदेशी दुश्मनों (पाकिस्तान सरकार, पाकिस्तान की सेना, आई एस आई, दाऊद इब्राहिम, हाफिज सईद, चीन......) के निशाने पर है......
क्योंकि देश के इतिहास में पहली बार किसी अकेले आदमी ने इतने सारे दुश्मनों की एक साथ नींद हराम कर दी है...

ये अच्छाई और बुराई का महासंग्राम है, हमको तैयार रहना है और अपने प्रधान मंत्री का साथ देना है, क्योंकि अगर इन सभी राक्षसों ने प्रधान मंत्री को अगर अपने चक्रव्यूह में फंसा लिया तो फिर सदियों तक कोई दूसरा ऐसा नेता पैदा नहीं होगा...

मैं हमारे प्रधानमंत्रीजी के साथ हूँ, क्या आप हो ?

Yours,
meranazriya.blogspot.com

नोटबंदी -एक रिस्की निर्णय

नोटबंदी -एक रिस्की निर्णय 


                     नोटबंदी  के 15 दिन होने  को है। देश के विभिन्न शहरों से बहुत सारी प्रतिक्रियाये सुनने और देखने को मिली। कुछ ख़ुशी देने वाली और कुछ दुःख देने वाली भी। और ये स्वभाविक था। हमें ख़ुशी है की हम एक ऐसी ऐतिहासिक घटना के प्रत्यक्षदर्शी है जो आने वाले समय में बहुत लंबे समय तक याद किया जायेगा। 
                     मैं यहाँ एक बात कहना चाहता हू कि इस निर्णय से आम जनता को क्या मिला ? क्या आम आदमी को परेशानी के अलावा और कुछ मिला ? उनके पास जो पैसा था वो आज भी है ,लेकिन अपने पैसे को पाने के लिए तंग जरूर होना पड़ा। इस एक्शन से आम आदमी को फायदा तो नहीं हुआ लेकिन खास लोगो का नुकसान ज़रूर हुआ है इसमें कोई शक़ नहीं है। 
                    इतने बड़े और कठोर निर्णय के बाद जनता ने जितनी ईमानदारी से मोदी सरकार का साथ दिया उतनी ही ईमानदारी से सरकार को भी कुछ ऐसे फैसले लेने होंगे जो ना केवल सीधे आम आदमी के हित में  बल्कि बहुत जल्दी हों। ज्यादा देर होने से जो आम आदमी मोदी सरकार के पूर्ण समर्थन में है अभी , विरोध करने में ज्यादा देर नहीं लगाएगी । 
                    मोदी सरकार के लिए 30 दिसम्बर के बाद बहुत बड़ी  चुनौती है आम आदमी को ये भरोसा दिलाना की नोटबंदी के फैसले के बाद जो भी पैसा सरकार के ख़जाने में आये है उसका पाई -पाई जनता की सेवा में खर्च किया जायेगा। मुझे प्रधानमंत्री  मोदी जी के विज़न में कोई संदेह नहीं है ,लेकिन समय बहुत तेजी से गुजर रहा है। समय रहते सरकार को हमें भरोसा देना होगा कि "ये निर्णय जनहित में था ". इसीलिए मैं कहता हूँ "नोटबंदी-एक रिस्की निर्णय " . 

आपका ,
meranazriya.blogspot.com 

           



MERA NAZRIYA: काले धन पर कठोर कार्रवाई

MERA NAZRIYA: काले धन पर कठोर कार्रवाई: काले धन पर कठोर कार्रवाई                                ८ नवम्बर  भारत के इतिहास में स्वर्ण अक्षरो में लिखा जायेगा। इस दिन प्रधानमंत्...

काले धन पर कठोर कार्रवाई

काले धन पर कठोर कार्रवाई 


                              ८ नवम्बर  भारत के इतिहास में स्वर्ण अक्षरो में लिखा जायेगा। इस दिन प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने रात ८ बजे अपने राष्ट्र के नाम सन्देश में काले धन पे कठोर निर्णय लेते हुए ५०० और १००० के नोट को कानूनन अवैध घोषित कर दिया। और पुराने नोटों को बैंको में जमा करने के लिए ५० दिनों की मोहलत दी , जिससे ईमानदारी से कमाए हुए धन को बैंको में जमा करा के ५०० और २००० के नए नोट प्राप्त कर सके। 
                             मोदी जी के इस निर्णय को मैं भूरी भूरी प्रसंशा करता हू। एक ऐसा निर्णय जो काला धन को एक झटके में कागज का एक टुकड़ा बना दिया। मोदी जी के इस कड़े कदम के बाद कुछ राजनितिक पार्टीयो ने विरोध शुरू कर दिये , इसके पीछे की सच्चाई सबको पता है। ये निर्णय लेते समय प्रधानमंत्री को ये एहसास था की विरोधियो के साथ साथ अपने ही दल के लोग इसमें साथ नहीं देंगे इसके बावजूद भी उन्होंने ये रिस्क लिया , ये  प्रधानमंत्री जी की ढृढ़ इच्छा शक्ति को दर्शता है।

आपका ,
meranazriya.blogspot.com 

           

बदलाव..

रिसोर्ट मे विवाह...  नई सामाजिक बीमारी, कुछ समय पहले तक शहर के अंदर मैरिज हॉल मैं शादियाँ होने की परंपरा चली परंतु वह दौर भी अब समाप्ति की ओ...