अब बड़ा हो गया हूँ मैं

अब बड़ा हो गया हूँ मैं 

जब भी देखता हूँ अपनी बेटीयों को,
लगता है अब बड़ा हो गया हूँ मैं ,
थोड़ा ज्यादा सोचने लगा हूँ आजकल ,
पहले से ज्यादा डरने लगा हूँ मैं ,
कही कुछ कमी ना रह जाये ,
कोशिश करता रहता हूँ,

अब अकेले रहने का मन होता नहीं ,
ज़्यादा खुश रहता हूँ जब मेरी बेटियां साथ होती है,
जब वो हंसती है मानो सारा जहाँ मिल गया ,
जब वो रोती है तो लगता है मानो कुछ खोने लगा हूँ मैं ,
अंदर तक हिल जाता हूँ जब सोचता हुँ ,
मुझे कुछ हो गया तो इनका क्या होगा,

यही सोच कर अपने खर्चे कम करने लगा हुँ मै ,
अब पहले से ज्यादा बचाने लगा हुँ ,
अपने बेटियों के नाम पे ज्यादा सेविंग करने लगा हुँ ,
अपने लिये नही इनके लिये कमाने लगा हुँ, 
लगता है अब थोडा बडा हो गया हुँ मै ,

औसत से ज्यादा संजिदा हो गया हूँ ,
लगता है समय से पहले परिपक़्व हो गया हूँ ,
ज्यादा सेन्सटिव हो गया हूँ ,
हर मुद्दे पर बेटियों को समझाने लगा हूँ , 
उन्हे कुछ बनाने की ललक है मेरी ,
इसिलिये अभी से प्लैनिंग करने लगा हूँ ,
लगता है अब बडा हो गया हूँ मै , 

जैसे हम अपने पापा को हीरो मानते है ,
वैसा ही कुछ करूँ कि मेरी बेटियाँ भी मुझे वैसा ही माने ,
इसिलिये पहले से ज्यादा अनुशासीत हो गया मै ,
कुछ भी गलत ना हो जाये मुझसे,कोशिश करता रहता हूँ ,
थोडा ज्यादा सोचने लगा हूँ ,
लग रहा है अब बडा हो गया हूँ मै ,

मेरे पालन पोषण में कुछ कमी ना रह जाये,
इसिलिये जब भी मौका मिलता है, 
इन्हे दादा -दादी के पास भेज देता हूँ ,
बहुत कुछ सीख के आती है,जब कभी गाँव जाती हैं मेरी बेटियाँ ,
इन्हे देखकर मेरे अम्मा-पापा के खुशी का ठिकाना नही होता होगा ,
इतना प्यार अपने बेटियों को पाता  देखकर ,
सोचता हूँ  अब बडा हो गया हूँ मै ,

जब कभी अकेले होता हूँ मै ,
बहुत याद आती है मेरी बेटियाँ ,
जानबुझ कर ये दर्द लेता हूँ ,
क्योंकि मै जानता हूँ की ये दर्द इतना बडा नही,
 जितना मेरे अम्मा-पापा मेरे घर से बाहर में महसूस करते होंगे ,
ये उनको सुकुन देने का जरिया हैं,
उन्हें खुशी देने का माध्यम है मेरी बेटियाँ ,
ये सब देखकर लगता अब बडा हो गया हूँ मै,

आपका ,
meranazriya.blogspot.com 

बदलाव..

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