हे भगवान इतनी गरीबी क्यो देता है तू?

एक छ: साल के बच्चे द्वारा अपने साल भर के बहन के लिए जमीन पर गिरे हुए खाने को लेकर भागना और उस बच्ची को खिलाते हुए उस बच्चे के आंखों में आंसू की बूंदें कलेजा हिला कर रख देता है। ये तस्वीर देखकर भगवान से मेरी शिकायत है। प्रस्तुत कविता भगवान से मेरी शिकायत का सार है।

हे भगवान,
आज शिकायत है तुझसे,
क्यो देता है इतनी गरीबी तू,
तन पे कपड़ा नहीं,
मुंह में निवाला नहीं,
कितना तरसाता है तू,
क्या बिगाड़ा है ये तेरा,
अभी ठीक से बड़ा भी नहीं हुआ,
इतना बोझ कंधे पे दे दिया तुमने,
ये कैसे पालेगा,
इस नन्ही जान को?
ये ख़ुद कैसे खायेगा,
कभी सोचा है?
तू बड़ा ही निष्ठुर है,

इसके आंसू तुझ रूलाते ते ही होंगे,
फ़िर क्यो इतनी कड़ी परीक्षा?
कुछ सोचा तो होगा,
मुझे मालूम है,
ये ऐसे रहेगा नहीं,
तू कुछ बताना चाहता है,
इस समाज को,
कर्म ही पूजा है ,
बतला रहा है तू,
किसी और की सज़ा,
किसी और को दे रहा तू,

इस नन्हे से आंखों में ,
आंसू अच्छे नहीं लगते,
बड़ा कठोर है भगवान तू,
कर दे ऐसा कुछ,
हे भगवान,
ना हो कोई भूखा इस धरा पर,
हो हरा-भरा चहुं ओर,
ना हो भूख की चित्कार,
सबका हो सत्कार,
बस ऐसा कर दे एक बार,
हे भगवान।


आपका,
मेरा नज़रीया

जायसवाल समाज- आम सभा

स्वागत : मंच पर आसीन समाज के वरिष्ठ नेतागण और हमारे समाज से आए हुए सभी सम्मानित भाईयों और बहनों, मैं रवीन्द्र नाथ जायसवाल टेल्को से आप सभी का हार्दिक अभिनन्दन और स्वागत करता हूं।
श्री शम्भु नाथ जायसवाल जी को राष्ट्रीय महासचिव बनने की हार्दिक शुभकामनाएं देते हुए ये आशा करता हूं आने वाले समय में वो राष्ट्रीय अध्यक्ष के पद को भी सुशोभित करेंगे और समाज को नई ऊंचाइयों पर ले जाने का प्रयास करेंगें।
  अभिनन्दन समारोह में आदरणीय श्री शम्भु जी ने समाज के इतिहास के बारे में कुछ जानकारी शेयर किया और बताया की हमारी संख्याबल उतनी नहीं है कि हम इलेक्शन में जाए । इसके बजाय हम सेलेक्शन के माध्यम से अपने अध्यक्ष और महासचिव चुने ले।अभी की स्थिति को देखते हुए मैं इनकी बातों का समर्थन करता हूं। पर मेरे कुछ सवाल हैं जिसका जवाब मैं अपने वरिष्ठ नेताओं से जानना चाहता हूं :
१) सन 1980 से चल रही हमारे समाज में , आजीवन सदस्यों संख्या केवल 234 क्यों है? इसे बढ़ाने के लिए आपने क्या प्रयास किया?
२) समाज में प्रतिनिधित्व एक क्षेत्र विशेष तक ही सीमित क्यों रखा गया?
३) पिछले 10 सालों में समाज की क्या उपलब्धि है?
४) हर साल समाज का लेखा-जोखा सार्वजनिक क्यों नहीं होता है ?
५) और क्यों समाज के कुछ लोग समाज को अपना जागीर मान बैठे हैं?
     पिछले कुछ दिनों से समाज में जो कुछ  हो रहा है वो उचित नहीं है और मैं इसकी घोर निन्दा करता हूं। आज कुछ लोग पैसे के बल पर समाज का प्रतिनिधित्व करना चाहते हैं वो सरासर ग़लत है।
     क्या इस घटनाक्रम के लिए सिर्फ़ वही दोषी है? मुझे नहीं लगता। समाज में संवादहीनता इसकी जड़ है। हमारे बीच संवाद की कमी है इस बात को हम नकार नहीं सकते।
     
          मैं काफी सकारात्मक व्यक्ति हूं और मुझे समाज में आज हो रही  घटनाओं में भी कुछ सकारात्मकता दिख रही हैं। अब हमारा समाज पहले से ज्यादा अलर्ट रहेगा।
सुझाव : मेरे कुछ सुझाव है जो मैं शेयर करना चाहता हूं :
1) समाज में सदस्यता अभियान चला कर सब को जोड़ा जाए
२) क्षेत्रवार कमेटी बनाकर उनकी जवाबदेही तय किया जाए
३) महीने में कम से कम एक बार समाज की एक बैठक अवश्य हो
४) समाज में युवाओं की भागीदारी को बढ़ाया जाए या हो सके तो युवा मंच की स्थापना किया जाए
५) समाज के लोगों के छोटे-छोटे समस्याओं का बातचीत से निस्तारण
६) ज्यादा से ज्यादा सोशल मीडिया का प्रयोग करके समाज के हर परिवार को जोड़ा जाए
७) समाज के कमजोर परिवारों के शादी-ब्याह में समाज के सभी लोगों की भागीदारी को सुनिश्चित किया जाए
          आइए आज हम सब ये संकल्प लें हम अपनी व्यक्तिगत लाभ-हानी को छोड़कर समाज के उत्थान के लिए लगातार प्रयास करते रहेंगे।
बहुत-बहुत धन्यवाद!!

एक अनजान बच्चा

ट्रेन में सफर के दौरान एक बच्चा उम्र मुश्किल से 6-7 साल होगी में घूम-घूम कर कलाबाजियां दिखा रहा था। देखने में मासूम अपने काम में मशगूल था। बच्चे में टैलेंट की कोई कमी नहीं पर ऐसा क्या है कि वो इस काम में लगा हुआ है। मेरे से रहा नहीं गया मैंने बच्चे से जानने की कोशिश की वो स्कूल क्यो नही जाता है?, उसके पिता जी क्या करते हैं? वो कितना कमा लेता है? और क्या वो स्कूल जाना चाहता है?
बच्चे का जवाब था उसके पिता जी मज़दूरी करते हैं  और वो अपनी मां के साथ रहता है और वो दिन भर 300-400 रूपये तक कमा लेता है।और वो अपनी दिनभर की कमाई को अपनी मां को दे देता है। स्कूल जाने के नाम पर वो बोलता है उसे स्कूल नहीं जाना उसे यही काम अच्छा लगता है। ये सूनकर मैंने उस स्कूल जाने के लिए प्रोत्साहित किया और एक छोटी सी धनराशि उसे दिया और उसे बोला कि घर जाकर अपने पापा से बोले कि वो पढ़ना चाहता है। मुझे उम्मीद है उसके पिता जी शायद समझ जायेंगे और वो इस बच्चे के बचपन को ऐसे ही बर्बाद नहीं करेंगे।
                 मैं समाज के हर व्यक्ति से आग्रह करता हूं जितना हो सके बच्चों में शिक्षा के प्रति आकर्षण पैदा करें और समाज के उन गरीब परिवारों के बच्चों को पढ़ाने में अपना योगदान दें। आपकी छोटी सी सलाह, मोटीवेशन ना जाने कितने बच्चों की जीवन संवार सकता है। मेरा ऐसा मानना है शिक्षा ही एक ऐसा मंत्र है जो आपको एक दूसरे से अलग करता है और आपको आगे बढ़ने में मददगार होता है।
आपका,
मेरा नज़रीया

Is Privetisation is the only solution for the Growth of Country

No,
Privataisation is not the only solution of the country growth.
Before discussion on Country Growth 1st you understand what is the growth means for an individual. lot of bench mark we have to set before starting of debate i.e. Per capita income, Country Growth data, Infrastructure development, etc.
There are nos of example of failed private industry which is not full fill the it's requirements & earned money.
1) Why government employee stop the file movement? Actually the employee is following the Govt. defined rule.
2) When you give some money, actually he bypass the rules & law bypass.
3) What actually private company do, which is not done by the Govt.
4) Why Govt. Not learn from private the company & implement in government organisation?
5) Rules & regulation made by the government not by the employee. In this case Govt pull back his hand & transfer the responsibility to 3rd Party.
6) Private Company is working for earn the money not for the society? But the government have the social responsibility also.
7) Govt has to be perform on not only basis vote they also change the culture.
Is management education necessary to succeed in business?
In my point view every body have inbuilt management thought.
If formal business study must need for success how Mr Ambani succeed?
Most of the business trick written after success of the individual.
DNA type thing is very nice line.
If want to go fast grow then you should have a basic knowledge of Management.

आपका ,
मेरा नज़रिया  




BITS Exam completion

    मैं रवीन्द्र नाथ जायसवाल Bits pilani 1st के पूरी टीम के तरफ से यहां उपस्थित सभी सम्मानित सर लोगों का हार्दिक अभिनन्दन करता हूं।और साथ ही साथ हमारे गूरु श्री Dr. Arun Maity और हमारे Plant Head श्री संपत कुमार सर का तहे दिल से स्वागत करता हूं, जिन्होंने अपना बहुमूल्य समय देकर हम सबका मान बढ़ाया है। आज हम सब यहां हर सेमेस्टर में exam देने और हर संडे को क्लास करने से  मुक्त होने की खुशी मनाने एकत्रित हुए हैं। आप बोलेंगे इसमें कौन सी खुशी है इसे समझने के लिए आइए कुछ आंकड़ों पर नजर डालते हैं : -

BITS Untold story:
1000 दिनों का अथक प्रयास
42 सप्ताहों का संघर्ष यानी लगभग 3.5 सालों की यात्रा
48 Exam
20 Subjects
Online labs
Nos of Assignment

हम सबने बड़ी मेहनत से अपने परिवार, प्लांट और Bosses के साथ समन्वय बनाकर इस यात्रा को इस मुकाम तक पहुंचाया है। घर में जब हमारे बेटे-बेटियां Sunday को कहीं बाहर चलने की जिद  करते तो हम बड़ी आसानी से फिर कभी चलेंगे बेटा कह कर क्लास करने निकल जाया करते थे। क्योंकि ये ज़िद हमारी थी कि "हमें ग्रेजुएट बनना है" । इसे पाने के लिए हमने अपने emotions अनेकों बार सम्भाला है,इन 3.5  सालों में ।
          Degree की अहमियत क्या होती है शायद अपने  Diploma के समय हमें इसका एहसास भी ना था। कुछ सालों के industrial अनुभव होने के बाद ही आपको एहसास हो जाता है कि "Degree होता तो अच्छा होता".

हमारे इस टीम में औसत उम्र 35-40 साल है और लगभग सभी लोगों का industrial experience minimum 12 सालों से ज्यादा का है। उम्र के इस पड़ाव पर ये Degree हमारे carrier growth के लिए वरदान साबित होगा ऐसा मेरा मानना है।

       इस पहले कि आप अभी अपने आपको ग्रेजुएट मान लें मैं आपको याद दिलाना चाहता हूं  "पिक्चर अभी बाकी है मेरे दोस्त" । आज हम सब हर सेमेस्टर में exam देने और हर Sunday क्लास करने से मुक्त हुए " प्रोजेक्ट अभी बाकी है मेरे दोस्त" । जैसा कि सबको याद होगा हमारे Plant head श्री संपत कुमार सर ने हमें हमारी क्लास में बताया था कि The project activities closely monitored by him. & Our degree will be awarded only after successfully completion of the project.

सो बिना कोई break  लिए अगले 19 Aug से हम सबको Project work में लग जाना है। और मैं on behalf of Bits 1st batch team , Plant Head को Assure करता हूं कि हम सब अपने-अपने Project work सफलतापूर्वक पूरा करेंगे और आपके ही हाथों Graduation का certificate भी लेंगे।

बहुत  बहुत धन्यवाद।

बदलाव..

रिसोर्ट मे विवाह...  नई सामाजिक बीमारी, कुछ समय पहले तक शहर के अंदर मैरिज हॉल मैं शादियाँ होने की परंपरा चली परंतु वह दौर भी अब समाप्ति की ओ...