ट्रेन में सफर के दौरान एक बच्चा उम्र मुश्किल से 6-7 साल होगी में घूम-घूम कर कलाबाजियां दिखा रहा था। देखने में मासूम अपने काम में मशगूल था। बच्चे में टैलेंट की कोई कमी नहीं पर ऐसा क्या है कि वो इस काम में लगा हुआ है। मेरे से रहा नहीं गया मैंने बच्चे से जानने की कोशिश की वो स्कूल क्यो नही जाता है?, उसके पिता जी क्या करते हैं? वो कितना कमा लेता है? और क्या वो स्कूल जाना चाहता है?
बच्चे का जवाब था उसके पिता जी मज़दूरी करते हैं और वो अपनी मां के साथ रहता है और वो दिन भर 300-400 रूपये तक कमा लेता है।और वो अपनी दिनभर की कमाई को अपनी मां को दे देता है। स्कूल जाने के नाम पर वो बोलता है उसे स्कूल नहीं जाना उसे यही काम अच्छा लगता है। ये सूनकर मैंने उस स्कूल जाने के लिए प्रोत्साहित किया और एक छोटी सी धनराशि उसे दिया और उसे बोला कि घर जाकर अपने पापा से बोले कि वो पढ़ना चाहता है। मुझे उम्मीद है उसके पिता जी शायद समझ जायेंगे और वो इस बच्चे के बचपन को ऐसे ही बर्बाद नहीं करेंगे।
मैं समाज के हर व्यक्ति से आग्रह करता हूं जितना हो सके बच्चों में शिक्षा के प्रति आकर्षण पैदा करें और समाज के उन गरीब परिवारों के बच्चों को पढ़ाने में अपना योगदान दें। आपकी छोटी सी सलाह, मोटीवेशन ना जाने कितने बच्चों की जीवन संवार सकता है। मेरा ऐसा मानना है शिक्षा ही एक ऐसा मंत्र है जो आपको एक दूसरे से अलग करता है और आपको आगे बढ़ने में मददगार होता है।
बच्चे का जवाब था उसके पिता जी मज़दूरी करते हैं और वो अपनी मां के साथ रहता है और वो दिन भर 300-400 रूपये तक कमा लेता है।और वो अपनी दिनभर की कमाई को अपनी मां को दे देता है। स्कूल जाने के नाम पर वो बोलता है उसे स्कूल नहीं जाना उसे यही काम अच्छा लगता है। ये सूनकर मैंने उस स्कूल जाने के लिए प्रोत्साहित किया और एक छोटी सी धनराशि उसे दिया और उसे बोला कि घर जाकर अपने पापा से बोले कि वो पढ़ना चाहता है। मुझे उम्मीद है उसके पिता जी शायद समझ जायेंगे और वो इस बच्चे के बचपन को ऐसे ही बर्बाद नहीं करेंगे।
मैं समाज के हर व्यक्ति से आग्रह करता हूं जितना हो सके बच्चों में शिक्षा के प्रति आकर्षण पैदा करें और समाज के उन गरीब परिवारों के बच्चों को पढ़ाने में अपना योगदान दें। आपकी छोटी सी सलाह, मोटीवेशन ना जाने कितने बच्चों की जीवन संवार सकता है। मेरा ऐसा मानना है शिक्षा ही एक ऐसा मंत्र है जो आपको एक दूसरे से अलग करता है और आपको आगे बढ़ने में मददगार होता है।
आपका,
मेरा नज़रीया
मेरा नज़रीया
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