छुपा हुआ टैलेंट

कभी-कभी समय आपको बहुत सोचने पर मजबुर कर देता है। प्रतिभा कभी भी संसाधनों का मोहताज नहीं होता है। आप अपने बच्चों को दुनिया के सारे संसाधन से भर दें , परन्तु ये कोई जरूरी नहीं कि आपका बच्चा प्रतिभावान हो जायेगा। प्रतिभा संसाधन से ज्यादा बच्चों में आन्तरिक होती है।

रविवार को झुग्गियों और मलिन बस्तियों में रहने वाले बच्चों को पढ़ाने के क्रम में इस बात को और बल मिला। बच्चों में सिखने की जो ललक मैं वहां महसूस किया वो अद्भुत है। बच्चों को थोड़ा सा गाइड करने से बच्चे तेजी से सिखते है। संसाधनों का इतना अभाव है कि सामान्य लोगों के जीना मुश्किल हो जाये। पर इन बच्चों को इसका कोई रोना नहीं है।

मेरा एक छोटा सा प्रयास है इन बच्चों में छुपी हुई प्रतिभा को बाहर निकालने का। रविवार को इन बच्चों के लिए थोड़ा समय निकाल लेता हूं और इन्हें इनकी पढ़ाई में गाइड करता हूं। मेरा ये मानना है कि किसी भी परिवार के जीवन स्तर सुधारने शिक्षा का महत्वपूर्ण योगदान होता है। मैं चाहता हूं आप भी अपने आसपास ऐसे लोगों को देखें और उन्हें पढ़ने के लिए प्रोत्साहित करें। इससे उनका जीवन स्तर तो सुधरेगा ही और आप समाज को एक नई दिशा में आगे बढ़ने में भी मदद कर पायेंगे।

जमशेदपुर में “वाइस आफ ह्यूमिनिटी” एक ऐसी संस्था है जो मिशन साक्षर चलाती है।इस टीम का हिस्सा आप भी बने और समाज के प्रति अपनी जिम्मेदारियों का निर्वहन करें।

आपका,

मेरा नज़रीया

बदलाव..

रिसोर्ट मे विवाह...  नई सामाजिक बीमारी, कुछ समय पहले तक शहर के अंदर मैरिज हॉल मैं शादियाँ होने की परंपरा चली परंतु वह दौर भी अब समाप्ति की ओ...