INTERNATIONAL 'YOGA DAY' अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस 21st June

अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस 

           आज विश्व 'योग दिवस ' है। आज शाम होते-होते सारे सोशल मिडिया को योग दिवस के विहंगम दृश्यों. से पाट दिया जायेगा। यदि आप लेट उठने वालों में से है तो आपको लगेगा कि आज आपने कुछ खो दिया है। पर आप निराश मत हो ,आपने सही मायने में कुछ नहीं खोया है। आज यही सोचकर मै सुबह -सुबह ही मैदान में पहुंच गया। वहाँ पहुंचकर मैंने देखा की योग दिवस को लेकर वहां कोई भी उत्साह नहीं है। सब अपने में व्य्स्त है कुछ भी नया नहीं हो रहा है। और घर आकर टीवी ऑन किया तो ऐसा लगा मानों पूरा देश सिर्फ़ योग ही कर रहा है। 
     भारत के शहरी भूभाग पर शायद ही कोई हो जिन्हे योग के फ़ायदे और नुकसान के बारे में जानकारी ना हो। इसके बावजूद भी कितने लोग योग करते है? और हाँ यदि उनको योग पर ज्ञान देना हुआ शायद कोई ऐसा फायदा बचे जो योग से ना होता हो जैसे : शारीरिक ,आध्यात्मिक ,सात्विक ,बौद्धिक,मानसिक ,सामाजिक ,आत्मिक ,पुरुषार्थ और ना जाने क्या -क्या। ये वो लोग होते है जो कभी योग नहीं करते है। इनका काम फ्री में ज्ञान बाटना होता है। और आज तो कुछ लोग योग सिर्फ़ इसलिए नहीं करेंगे क्यों की वो तो प्रतिपक्ष में है। और योग तो बीजेपी का कार्यक्रम है। ये कुछ व्यग्य थे जो मैंने आपको शेयर किया ,आइये अब कुछ सीरियस चर्चा करते है। 
         आज योग विश्व में जिस लोकप्रियता की असीम ऊचाई पर है निश्चित रूप से भारत का इसमें मुख्य योगदान है। योग हमारी ऋषि -मुनियों द्वारा दिया गया एक अद्भुत विधा है जो स्वस्थ रहने की परंपरा को विकसित करता है। आज हमारे प्रधानमंत्री लखनऊ में हजारों लोगों के साथ योग किये और देशवाशियों को सम्बोधित करते हुए उन्होंने बताया की जैसे बिना नमक के खाने का कोई स्वाद नहीं होता वैसे ही अपने दिनचर्या में योग का स्थान बनाना चाहिए। जीरो इन्वेस्टमेंट से लाइफ टाइम हेल्थ इन्शुरेंस आपको योग ही दिला सकता है। आज पुरे में विश्व योग टीचर के रूप में नया जॉब का सृजन हुआ है और इसका सबसे ज्यादा फायदा भारतीय लोगों को ही मिल रहा है। दुनिया के 176 देशों में आज योग दिवस मनाया जा रहा है,अद्भुत ये परम्परा जो पुरे विश्व को एक साथ एक सूत्र में बांध दिया है। और यही भारत की शक्ति है "वसुधैव कुटुंबकम" 
           योग को राजनैतिक और धार्मिक चश्मे से ना देखें ये जीवन जीने की एक कला है। योग पर ना जाने कितने रिसर्च हुए है और ना जाने कितने पेटेंट लोगों ने कराये है और सबने योग को अद्भुत बताया है। अब तो योग के बहुत सारे स्वरुप भी सृजित किये जा रहे है कितना सही या गलत ये रिसर्च का विषय है। आप सामान्य योग करिये जो आधार है और लोगों को जागरूक भी करिये । योग के लिए ज्यादा ताम -झाम की जरुरत नहीं है आप अपने घर ,पार्क ,ऑफिस ,कही भी साफ़ सुथरी जगह पर कर सकते है। कम से कम नियम और ज्यादा से ज्यादा योग करने में भरोशा  करिये तो आप योग अपने दिनचर्या में शामिल कर सकते है। 

         योग करें -निरोग रहें !






आपका ,
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