मां

क्या लिखूँ माँ के बारे में ,

बस इतना समझ लिजिये,

जब कुछ भी ना समझ आये तो ,

एक बार माँ को याद करिये,

ये माँ ही तो है जो हमेशा ,

आपकी तारीफ़ करती है ,

उसे अपने बच्चे ही हमेशा,

सच्चे और अच्छे दिखते है ,

नही उसे परवाह दुनिया की ,

उसे तो बस अपना बच्चा खुश चाहिये,

मन में हज़ारो ग़मों को दबा के रखती है ,

बच्चे से कुछ भी ना कहती है ,

पूछने पर हमेशा 'ठीक है ' ही कहती है,

ये माँ ही तो है ,

बस इसे अपने बच्चे खुश चाहिये,

निस्वार्थ भाव से दुआए माँगती है ,

उसका बच्चा जीवन में हमेशा खुश रहे,

इसी की कामना करती है ,

कोई उसके बच्चे के बारे में कुछ कहे,

अच्छा नही लगता उसे , बिना वजह

जाने भी 'मेरा बच्चा ऐसा नही है' 

ऐसा  ही बोलती है ,

ये माँ ही तो है ,

आपका,

meranazriya.blogspot.com

meranazriyablogspotcom.wordpress.com

No comments:

Post a Comment

छठ की महीमा- निर्माण से निर्वाण तक का सन्देश है छठ पूजा

क्षितिज, जल, पावक, गगन, समीर  ये पंचतत्व से शरीर है  इसी पंचतत्व की पूजा है (पानी मे रहकर आकाश की तरफ गर्दन किये हुए हाथ मे दीपक लेकर खुले ह...