श्री शम्भु नाथ जायसवाल जी को राष्ट्रीय महासचिव बनने की हार्दिक शुभकामनाएं देते हुए ये आशा करता हूं आने वाले समय में वो राष्ट्रीय अध्यक्ष के पद को भी सुशोभित करेंगे और समाज को नई ऊंचाइयों पर ले जाने का प्रयास करेंगें।
२) समाज में प्रतिनिधित्व एक क्षेत्र विशेष तक ही सीमित क्यों रखा गया?
३) पिछले 10 सालों में समाज की क्या उपलब्धि है?
४) हर साल समाज का लेखा-जोखा सार्वजनिक क्यों नहीं होता है ?
५) और क्यों समाज के कुछ लोग समाज को अपना जागीर मान बैठे हैं?
पिछले कुछ दिनों से समाज में जो कुछ हो रहा है वो उचित नहीं है और मैं इसकी घोर निन्दा करता हूं। आज कुछ लोग पैसे के बल पर समाज का प्रतिनिधित्व करना चाहते हैं वो सरासर ग़लत है।
क्या इस घटनाक्रम के लिए सिर्फ़ वही दोषी है? मुझे नहीं लगता। समाज में संवादहीनता इसकी जड़ है। हमारे बीच संवाद की कमी है इस बात को हम नकार नहीं सकते।
मैं काफी सकारात्मक व्यक्ति हूं और मुझे समाज में आज हो रही घटनाओं में भी कुछ सकारात्मकता दिख रही हैं। अब हमारा समाज पहले से ज्यादा अलर्ट रहेगा।
1) समाज में सदस्यता अभियान चला कर सब को जोड़ा जाए
२) क्षेत्रवार कमेटी बनाकर उनकी जवाबदेही तय किया जाए
३) महीने में कम से कम एक बार समाज की एक बैठक अवश्य हो
४) समाज में युवाओं की भागीदारी को बढ़ाया जाए या हो सके तो युवा मंच की स्थापना किया जाए
५) समाज के लोगों के छोटे-छोटे समस्याओं का बातचीत से निस्तारण
६) ज्यादा से ज्यादा सोशल मीडिया का प्रयोग करके समाज के हर परिवार को जोड़ा जाए
७) समाज के कमजोर परिवारों के शादी-ब्याह में समाज के सभी लोगों की भागीदारी को सुनिश्चित किया जाए
आइए आज हम सब ये संकल्प लें हम अपनी व्यक्तिगत लाभ-हानी को छोड़कर समाज के उत्थान के लिए लगातार प्रयास करते रहेंगे।