मंदी - छिनता हुआ रोजगार

      आज देश में रोजगार की हालत ऐसी है कि आए दिन कोई न कोई शख्स अपने नौकरी से हाथ धो रहा है। इधर सरकार की तरफ से रोजगार सृजन को लेकर ऐसा कुछ नहीं किया जा रहा है जिस पर बात किया जा सकें। अकेले आटोमोबाइल सेक्टर में अब तक लाखों नौकरियों जा चुकी है और ना जाने कितने जाने वाली है। आटोमोबाइल से जुड़ा हुआ स्टील उद्योग बुरी तरह से प्रभावित हुआ है। अचानक देश में ऐसे हालात क्यों बन रहें हैं कि जो कंपनीयां हमारे देश की नवरत्न कही जाती थी वो सब कंपनियों में घाटा का दौर शुरू हो गया है। इंडियन आयल कारपोरेशन लिमिटेड, एनटीपीसी, भारत हैवी इलेक्ट्रिकल्स लिमिटेड, एचपीसीएल, ओएनजीसी इत्यादि कंपनियों में घाटा रिकॉर्ड किया गया है। अब सरकार इन कंपनियों को मर्ज करके और कुछ भाग बेचकर पैसा कमाने की संभावनाओं पर विचार कर रही है। सरकार को इस दिशा में गंभीर चिंतन करने की जरूरत है।
       एक आम आदमी के लिए विकास के क्या मायने हैं , ज़रा गंभीरता से सोचने की जरूरत है।

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