मेरी बेटियाँ

मेरी बेटियाँ ही ,मेरी जान है
जब वो हँसती हैं ,तो ऐसा लगता है जैसे जहाँ मिल गया ,
जब वो रोती है तो लगता है कि सब कुछ खो गया,
जब वो जिद करती है तो गुस्सा दिखाना पड़ता है ,
जब वो रुठ जाये तो मनाना भी पड़ता है।

मै उन्हे सब कुछ दे दूँ , ऐसी कामना है मेरी,
वो जो भी मांगे उसे दिला दूँ ,
उन्हे खुश कर दूँ ,
उसकी मुस्कान को देखकर जहाँ जीतना है,
क्योकि ये बेटियाँ ही, मेरी जहाँ है।

मै कठोर दिखने की कोशिश करता हूँ ,
इनकी गलतीयो को बताता रहता हूँ ,
इन्हें  दिक्कत ना हो बचाता रहता हूँ  ,
थोडा ज्यादा सेन्सटिव हूँ मै , इसिलिये
गलतीयो से सीखने के बजाये, इन्हे सिखाता रहता हूँ,
क्योकि मेरी बेटियाँ ही मेरा अहसास है

मुझे जिम्मेदारी का एहसास मेरी बेटियों ने ही कराया है ,
मुझे इतना बडा इन्होंने ही बनाया है ,
अब थोडा ज्यादा परिपक्व हो गया हूँ मै ,
पहले से ज्यादा ,जिम्मेदार हो गया हूँ ,
अब मुझे इन्हे ही आगे बढाना है ,चांद तक ले जाना है ,
क्योकि मेरी बेटियाँ ही मेरा प्राण है , मेरी जान है।

और हाँ मैने सिखा है एक अच्छा पापा बनना अपने पापा से, 
उनके जैसा बन पाऊ ये कोशिश है मेरी.
उनके जैसा त्याग ,अनकंडीशनल प्यार ,
हमेशा साथ होने का एहसास ,
कठिन दौर में भी मुस्कुराने की कला ,
थोड़ा -थोड़ा सीख़ रहा हूँ ,
मुझे वो सब करना है जो मेरे पापा ने मेरे लिए किया ,
आख़िर मेरी बेटियाँ ही तो हैं मेरा सब कुछ,
मेरी बेटियाँ ही ,मेरी जान है

आपका ,
meranazriya.blogspot.com 

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