कभी याद करके देखिए उन्हें,
फिर वही एहसास होगा,
अरसा बीत गया पर,
खयाल वही होगा,
यकीन ना हो तो,
आजमाकर देखिए,
थोड़ा रुक कर ,
ठहर कर को खो जाइए,
सपनों में एक बार बह जाइए,
आपका,
मेरा नज़रिया
पुरे हफ्ते की आपाधापी के बाद रविवार का दिन इस आशा के साथ कि दिनभर आराम करूँगा। सावन का महीना चल रहा है। लगातार बारीश से पुरा शहर अस्त व्यस्त...
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