*बढ़ते हुए पेट्रोल और डीज़ल के दाम पर आम आदमी और नेताओं की चुप्पी और सरकार के रवैए पर, 'मेरा नज़रीया'*
अत्यंत दु:खद है। पर मैं आपको एक बात दावे के साथ कह सकता हूं , लोकतंत्र में वोट का बहुत महत्व है। जनता को सब समझ आ रहा है। जनता भले ही अभी चुप है , डर से मीडिया बोल नहीं रहा, पर मुझे विश्वास है यही जनता और मीडिया की चुप्पी सरकार की बखिया उधेड़ देगी अगले चुनाव में। और इसकी शुरुआत आप राज्यों के चुनाव में देखेंगे। जनता की चुप्पी सरकार के लिए काल साबित होगी। कितनों को डराओगे और कब तक डराओगे? आज हर आम आदमी व्यथित हैं, ठगा हुआ महसूस कर रहा है,। चुप है , कैसे आवाज उठाये, सहमा हुआ है, इतने बड़े विश्वासघात की उम्मीद उसे ना थी। सरकार से इतना उम्मीद था कि शुरुआती दिनों जो लोग आपस में सरकार के लिए लड़ जाते थे आज वो कैसे शांत हो गया है? उसे समझ नहीं आ रहा है अब वो किस मुंह से सरकार के खिलाफ कुछ बोले। ये सारी बातें हर उस आम आदमी के मन में ज्वाला की तरह धधक रही है । अब यही आम आदमी आने वाले चुनावों में चुपके से बोलेगा और इसकी गूंज दूर तक जायेगी, ऐसा मुझे विश्वास है।
फोटो : गूगल से लिया गया है।
आपका,
मेरा नज़रीया
अत्यंत दु:खद है। पर मैं आपको एक बात दावे के साथ कह सकता हूं , लोकतंत्र में वोट का बहुत महत्व है। जनता को सब समझ आ रहा है। जनता भले ही अभी चुप है , डर से मीडिया बोल नहीं रहा, पर मुझे विश्वास है यही जनता और मीडिया की चुप्पी सरकार की बखिया उधेड़ देगी अगले चुनाव में। और इसकी शुरुआत आप राज्यों के चुनाव में देखेंगे। जनता की चुप्पी सरकार के लिए काल साबित होगी। कितनों को डराओगे और कब तक डराओगे? आज हर आम आदमी व्यथित हैं, ठगा हुआ महसूस कर रहा है,। चुप है , कैसे आवाज उठाये, सहमा हुआ है, इतने बड़े विश्वासघात की उम्मीद उसे ना थी। सरकार से इतना उम्मीद था कि शुरुआती दिनों जो लोग आपस में सरकार के लिए लड़ जाते थे आज वो कैसे शांत हो गया है? उसे समझ नहीं आ रहा है अब वो किस मुंह से सरकार के खिलाफ कुछ बोले। ये सारी बातें हर उस आम आदमी के मन में ज्वाला की तरह धधक रही है । अब यही आम आदमी आने वाले चुनावों में चुपके से बोलेगा और इसकी गूंज दूर तक जायेगी, ऐसा मुझे विश्वास है।
फोटो : गूगल से लिया गया है।
आपका,
मेरा नज़रीया
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