महफिल में मुस्कुराना मेरा मिजाज बन
गया,
तन्हाई में रोना भी एक राज बन गया,
दिल के जख्म को चेहरे से जाहिर न
होने दिया,
यही जिन्दगी में मेरे जीने का अंदाज
बन गया..
रिसोर्ट मे विवाह... नई सामाजिक बीमारी, कुछ समय पहले तक शहर के अंदर मैरिज हॉल मैं शादियाँ होने की परंपरा चली परंतु वह दौर भी अब समाप्ति की ओ...
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